मेरी जाना मेरी जाना(My Love)
मेरी जाना
मेरी जाना
मैं जब
पीछे देखता
हूँ
तुम्हारा अक्श
बनता है
मैं जब
तन्हाइयों में
खुदसे ही
बातें करता
हूँ
कोई भीनी
सी खुशबु
जब हवा
में डोलती
है
तुम्हारा इत्र
उढ़ता है
मैं जब
आँखों को
अपनी मूंदता हूँ
तुम्हारा रूप
खिलता है.
मेरी रातें
मेरी रातें
जब जब
रत जागों
में डूब
जाती हैं
तुम्हारा दर्द
पलता है
मैं जब
बीते पलों
में झांकता हूँ
तेरी यादों
को जब
भी तंकता
हूँ
दबा जज्बात का खामोश
दरिया बह
निकलता है
तेरी आवाज
तेरी आवाज
जब मेरे
जहन में
गूँज जाती
है
मेरा दिल
फिर मचलता
है॰
सुनो जाना
सुनो जाना
तुम्हें कैसे
बताऊँ
बड़े जतनों
से फिर
ये दिल
संभलता है
मेरी खामोशियाँ मेरी खामोशियाँ
दिल को
मेरे जब
चीर जाती
हैं
मेरी तन्हैयाँ तेरे लिए
आँसू बहाती
हैं
फिजाएँ रूठ
जाती हैं
हर एक
तमन्ना टूट
जाती हैं
गर आज
भी तू
मुझको कही
नाराज मिलता
है
मेरे जीने
में मेरे
जीने में
तेरी यादों
का हर
गम है
तुझे खोने
का मौसम
है
तेरे चेहरे
को न
देखूँ तो
मेरा दिल
जलता है
मगर सबसे
ही ज्यादा मुझको तेरा
फ़िक्र खलता
है.
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