जबसे हुआ है प्यार ओ कन्हैया
जन्म अस्ट्मि की सभी को हार्दिक शुभ कामनाएँ
जबसे हुआ है तुमसे प्यार ओ कन्हैया
तब से कठिन भई हमरी उमरिया
लगत है जैसी सूनी हमरी डगरिया
जबसे हुआ है तुमसे प्यार ओ कन्हैया.
सुनो राधा तुम हो हमरी नजरिया
तुम्ही को सोचूं मैं सुबह शामरिया
कैसे तुमको बताऊँ कैसे ये समझाऊँ
जल्दी ही आऊंगा मैं वृन्दावन नगरिया
जबसे हुआ है तुमसे प्यार ओ कन्हैया.
बात न बनाओ सुनो करो सीधी बतिया
हमको सताने में न आहे तुम्हें लजिया
जो भी मिले कहे तू सारे गोकुल फिरे
सबसे मिलत हो हमसे प्यारी तुम्हें गैया
जबसे हुआ है तुमसे प्यार ओ कन्हैया.
मेरे मन का एक तू ही है बसैया
मैं हूँ बस तेरा और तेरा ही सांबरिया
अब मान भी जाओ न मुझको सताओ
वरना निकली जाए यहाँ हमरी भी जनिया
जबसे हुआ है तुमसे प्यार ओ कन्हैया.
मान गयी लो तुमरी खातिर ओ रसिया
का करें तुम्ही में रहे मोरा जिया
चाहे हमको सताओ चाहे हमे तड़पाओ
तुमरे ही रहेंगे हम सातों जनमिया
जबसे हुआ है तुमसे प्यार ओ कन्हैया.
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 26 अगस्त 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंdhanyawad happy janm aastmi
जवाब देंहटाएंDhanyawad ji
जवाब देंहटाएंअच्छी है ।
जवाब देंहटाएंDHANYAWAD JOSHI JI
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