मगर एक नारी......................
मैंने एक सूरत निहारी, वो थी एक नारी
बड़े जतन से पाला मुझको, थी मेरी मारी
गया जब दरश को मंदिर, थी वहाँ जगत की पालन हारी
मगर एक नारी, मगर एक नारी
जिसके करम ने, सारी दुनिया सम्बारी.
मुझसे वो लढती, सिकायत वो करती
मगर मेरी खातिर, दुनिया से भिड़ती
हर एक मुसीबत में ,मेरे साथ चलती
थी मेरी बहिना ,मेरी आँखों की तारी
मगर एक नारी ,मगर एक नारी .
जो निकला सड़क पर ,तो था एक चेहरा
उतरा जो दिल , में बनकर सुनहरा
सिखाया प्यार क्या होता है
अपनों का दर्द क्या होता है
जिसने उठाया ,नजरों का पहरा
वो थी दिलकश ,बड़ी प्यारी
मगर एक नारी ,मगर एक नारी
सोचता हूँ अब मैं ,बस एक बात
जाऊँगा जब कुछ आगे ,मिलेगा एक हाथ
थामेगा जो मुझे ,जब गिरूंगा कहीं
जिन्दगी के हर मोड़ पर ,रहेगा जो साथ
सुख दुःख बांटेगा मेरे ,करेगा जीवन आवाद
वो होगी मेरी जीवन सारी
मगर एक नारी ,मगर एक नारी
मैं जब थक जाऊंगा कहीं
तो मेरी ऊँगली पकढ़ कर ,साथ देगी
मुझे फिर नयी खुशिओं की ,सौगात देगी
भरदेगी मेरा दामन ,खुदकी हंसी से
वो मुझे पूरा होने का ,एहसाश देगी
कोई और नहीं होगी ,मेरी बेटी दुलारी
मगर एक नारी ,मगर एक नारी
जब होगा मेरा अंतिम समय ,तो जाऊंगा छोड़ कर
लेटूंगा चेन से जमीं पर ,सोऊंगा माँ की गोद पर
देगी सहारा मुझको ,मेरी भारत माता न्यारी
मगर एक नारी ,मगर एक नारी
चलो मिलकर प्रणाम करते हैं , ऐसी शक्ति है नारी
सर्वोपरि है , सर्व प्रथम है नारी .
आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 25/08/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जी मुझे इस बारे में कुछ ज्यादा पता नहीं जी इसलिए में कुछ कह नहीं पाऊंगा
जवाब देंहटाएंजहाँ तक आपने तारीफ़ की उसके लिए आपका स्वागत हे
क्या ये आपका blogg है..
जवाब देंहटाएंनारी के प्रति सुंदर भावों से भरी यह रचना बेहतरीन बन पड़ी है.
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका बस सभी का साथ रहे तो और भी अच्छा लिखूंगा
जवाब देंहटाएंबस मेरी कवितायें यूँही लोग पढ़ते रहें और मेरा ब्लॉग ज्वाइन करते रहें मैं बहुत कुछ अच्छा लिखता रहूँगा
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंसादर
धन्यवाद
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