जितना है याद तुम्हें

जितना अब तक है याद तुम्हें, मैं उतना भूल आया हूँ
तुमने हर राह दिये थे काँटे, मगर मैं फूल लाया हूँ

जिन गलियों की अमर कहानी, जिनकी यादें पानी पानी
कुछ बची है शब्दों में मेरे, उन गलियों की धूल लाया हूँ

कुछ भ्रम थे मेरे टूट गए थे, जब अपने ही रूठ गए थे
जब मैं बदला और वो बदले, कुछ बदले हुए उसूल लाया हूँ

जो ख़त रह गए अनखोले से, जो बोल रहे अनबोले से
जो बाकी है अब तक संदेशे, एसे ही फिजूल लाया हूँ

जहाँ पढ़े थे प्रेम विषय पर, सब वारा था एक विजय पर
एहसासों के ऐसे पावन, मैं यादों के स्कूल लाया हूँ

जितना अब तक है याद तुम्हें, मैं उतना भूल आया हूँ
तुमने हर राह दिये थे काँटे, मगर मैं फूल लाया हूँ

टिप्पणियाँ

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (08-06-2017) को
    "सच के साथ परेशानी है" (चर्चा अंक-2642)
    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय ,वाह्ह ! क्या बात है ,उत्तम दर्जे की रचना ,आभार। "एकलव्य"

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी कल्पना की उड़ान ...
    लाजवाब रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  4. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 12 जून 2017 को लिंक की गई है...............http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  5. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 12 जून 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  6. सकारात्मक भाव की श्रेष्ठता का प्रतिपादन आवश्यक है। सुंदर रचना।

    जवाब देंहटाएं
  7. कुछ भ्रम थे मेरे टूट गए थे, जब अपने ही रूठ गए थे,
    जब मैं बदला और वो बदले, कुछ बदले हुए उसूल लाया हूँ
    वाह।।।।।।

    जवाब देंहटाएं
  8. कुछ भ्रम थे मेरे टूट गए थे, जब अपने ही रूठ गए थे,
    जब मैं बदला और वो बदले, कुछ बदले हुए उसूल लाया हूँ
    वाह।।।।।।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही सुन्दर ...
    लाजवाब रचना...

    जवाब देंहटाएं
  10. आपकी कविताएं बहुत सुंदर है
    मैंने हाल ही मै ब्लॉगर ज्वाइन किया है आप मेरी पोस्ट पर आए और मुझे दिशा निर्देश करे
    https://srikrishna444.blogspot.com/2020/07/blog-post.html

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

यूँही बारिश में कई नाम लिखे थे

एक पगली याद बहुत ही आती है