माँ

तू ममता का सागर है , मैं तेरी एक बूँद हूँ माँ तेरे आँचल के साए में पला , मैं एक फूल हूँ माँ तू परमात्मा है, मैं तेरे चरणों की धुल हूँ माँ तू ही मेरा सब कुछ , मैं तेरा ही मकबूल हूँ माँ मैंने बचपन में तेरे पल्लू को पकड़ चलना सीखा तो मुसीबत में डट करके जलना सीखा मैंने तेरे साए में जीवन को जीना सीखा हर एक गम को हसकर के पीना सीखा तू मेरी गुरु द्रोण, मैं तेरा अर्जुन हूँ माँ तू मैया यसोदा , मैं तेरा कृस्न हूँ माँ कभी अनजाने में जो तुझको रुलाया तन्हाई में रातों को मैं सो नहीं पाया चाहे न बताया और न जताया बार बार तेरी ख़ुशी की खातिर मैं गिड गिडाया तू छमा की मूरत,मैं गलती की सूरत हूँ माँ मगर तू मेरी जरूरत,मैं तेरी जरूरत हूँ माँ तू माने या न माने तू ही मेरा सुकून है माँ तेरी ख़ुशी की खातिर ही मेरा ये खून है माँ तेरे कदमो में रखद...